MGNREGA Wage Rate 2025 : मनरेगा की मजदूरी दर में वृद्धि देखिए पूरी लिस्ट

MGNREGA Wage Rate – जैसा कि आप सभी जानते हैं कि देश के गरीब परिवारों की आर्थिक स्थिति को मजबूत करने और ग्रामीण इलाकों में रोजगार की आपूर्ति करने के लिए मनरेगा योजना को शुरू किया गया है। इस योजना के तहत 5 किलोमीटर के दायरे में श्रमिकों को रोजगार उपलब्ध कराया जाता है। नरेगा के जरिए अकुशल क्षेत्र के श्रमिक को सरकार द्वारा 100 दिन का गारंटी रोजगार दिया जाता है। इस योजना का लाभ देश के सभी राज्यों में संचालित ग्राम पंचायत स्तर पर लोगों को दिया जाता है। केंद्र सरकार द्वारा मनरेगा मजदूरों के लिए MGNREGA Wage Rate 2025 में संशोधन किया गया है। जिसका हाल ही में नोटिफिकेशन जारी कर दिया गया है। महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) के तहत काम करने वाले पूरे देश के मजदूरों को अब पहले से ज्यादा मजदूरी मिलेगी। तो चलिए जानते हैं कि मनरेगा के तहत कौन से राज्य में कितनी मजदूरी दर बढ़ी है?

मनरेगा की मजदूरी दर में वृद्धि  

MGNREGA Wage Rate
MGNREGA Wage Rate

केंद्र सरकार द्वारा National Rural Employment Guarantee Act 2005 (2005 का 42 ) की धारा 6 की उप धारा (1) द्वारा प्रदत शक्तियों का प्रयोग करते हुए मनरेगा के तहत काम करने वाले मजदूरों को अब पहले से ज्यादा मजदूरी मिलेगी। मनरेगा की धारा 6 (1) के अनुसार केंद्र सरकार अधिसूचना के जरिए मनरेगा की मजदूरी दर तय कर सकती है। हर साल मजदूरी दर 1 अप्रैल से मान्य होती है लेकिन केंद्र सरकार की ओर से प्रत्येक राज्य/संघ शासित प्रदेश अधिसूचित मजदूरी दर से अधिक मजदूरी दे सकती है। आपको बता दें कि MGNREGA के तहत भारत सरकार के ग्रामीण विकास मंत्रालय की ओर से मार्च 2024 के अंत में देश के सभी राज्यों में मनरेगा के तहत मिलने वाली मजदूरी या दिहाड़ी बढ़ाई गई थी। मनरेगा के तहत देश के ग्रामीण नागरिकों को 100 दिन के रोजगार की गारंटी सरकार द्वारा प्रदान की जाती है ताकि अकुशल ग्रामीण नागरिक आत्मनिर्भर होकर अपना जीवन यापन कर सके। 

NREGA UP Job Card List

मनरेगा में कैसे मिलती है मजदूरी?

मनरेगा योजना के तहत ग्रामीण मजदूरों को प्रतिदिन के हिसाब से मजदूरी प्रदान की जाती है। जिसे सरकार द्वारा समय-समय पर संशोधित किया जाता है। काम पूरा होने के 15 दिनों के भीतर सभी मजदूरों को मजदूरी दी जाती है। मजदूरी मिलने में देरी होने पर उन्हें मुआवजा दिया जाता है। इस योजना के तहत ग्रामीण क्षेत्र के हर पंजीकृत परिवार को 100 दिन के रोजगार की गारंटी दी जाती है। अगर उन्हें 15 दिनों के भीतर काम नहीं मिलता है तो राज्य सरकार द्वारा उन्हें बेरोजगारी भत्ता दिया जाता है। इस योजना के तहत दिया जाने वाला भत्ता पहले 30 दिनों के लिए मजदूरी का एक चौथाई और इसके बाद आधी मजदूरी के बराबर होता है। 

MGNREGA Wage Rate 2025 State Wise

MGNREGA योजना के तहत अब तक देश के करोड़ों लोगों को लाभ मिल चुका है। आज हम आपको बताएंगे कि मनरेगा योजना में किस राज्य के श्रमिकों को कितना वेतन मिलेगा इसकी राज्यवादर सूची नीचे दी गई है। अलग-अलग राज्यों की MGNREGA Wage Rate 2025 अलग-अलग होंगे। आपके राज्य में मजदूरी दर में कितनी वृद्धि हुई है इसकी जानकारी आप सूची में देख सकते हैं। 

क्रमांक संख्याराज्य/संघ राज्य क्षेत्र का नामप्रतिदिन मजदूरी की दर 2025 रुपए मेंबढ़ोतरी प्रतिशत में
 आंध्र प्रदेश30010.3  
 अरुणाचल प्रदेश2344.5  
 असम2494.6  
 बिहार2457.5  
 छत्तीसगढ़24310.0  
 गोवा35610.6  
 गुजरात2809.4  
 हरियाणा3744.8  
 हिमाचल प्रदेशगैर अनुसूचित क्षेत्र 236 रुपए  अनुसूचित क्षेत्र 295 रुपए 
 जम्मू कश्मीर2596.1  
 लद्दाख2596.1  
 झारखंड2457.5  
 कर्नाटक34910.4  
 केरल3463.9  
 मध्य प्रदेश24310.0  
 महाराष्ट्र2978.8  
 मणिपुर2724.6  
 मेघालय2598.8  
 मिजोरम2666.8  
 नागालैंड2344.5  
 उड़ीसा2544.5  
 पंजाब3226.3  
 राजस्थान2664.3  
 सिक्किम2495.5  
 तमिलनाडु3198.5  
 तेलंगाना30010.3  
 त्रिपुरा  2427.1  
 उत्तर प्रदेश2373.0  
 उत्तराखंड2373.0  
 पश्चिम बंगाल2505.5  
 अंडमान और निकोबारअंडमान – 329 निकोबार – 3475.7  
 दादरा और नगर हवेली और दमन और दीव3249.1  
 लक्षद्वीप  3153.6  
 पुदुचेरी3198.5  

मनरेगा में होने वाले काम

मनरेगा के जरिए ग्रामीण इलाकों में रहने वाले लोगों के लिए कुल मिलाकर 266 तरह के कार्यों को शामिल किया गया है। इन कार्यों में मजदूरों के लिए प्रतिदिन के हिसाब से मजदूरी तय की गई होती है। जोकि सीधे कामगार के बैंक खाते में भेजी जाती है। मनरेगा योजना के तहत रोजगार प्राप्त करने के लिए ग्रामीणों को जॉब कार्ड बनवाना पड़ता है। जॉब कार्ड को घर बैठे ऑनलाइन बनवाया जा सकता है जिसके बाद जॉब कार्ड के जरिए 100 दिन का गारंटी रोजगार प्राप्त होता है। मनरेगा में बेरोजगार ग्रामीण परिवारों को निम्नलिखित कार्य दिए जाते हैं।

  • ग्रामीण इलाकों में जल संरक्षण,
  • संचयन,
  • कुएं का निर्माण,
  • बाबड़ियों का निर्माण,
  • भूमि को समतल करना,
  • छोटे बांधों का निर्माण,
  • पौधा रोपण
  • रास्तों का निर्माण,
  • बाढ़ नियंत्रण के कार्य जैसे तटबंधों का निर्माण और मरम्मत,
  • भूमि कटाव को रोकने के लिए की रिटेनिंग वॉल का निर्माण 

Leave a Comment